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Rajrishi

किसान सषक्तिकरण अभियान का सांसद व अन्य अतिथियों ने किया शुभारम्भ

सादर प्रकाषनार्थ

प्रेस-विज्ञप्ति
किसानों के सषक्तिकरण से ही भारत बनेगा पुनः सोने की चिड़िया – अरूण साव
प्रकृति पर भी पड़ता है हमारी भावनाओं का असर – रितु पाण्डेय
पूरे अभियान को संबोधित करने के लिए कोल्हापुर महाराष्ट्र से पधारी दो विषेषज्ञ बहनें – बी.के. गीता एवं बी.के. सारिका
किसान सषक्तिकरण अभियान का सांसद व अन्य अतिथियों ने किया शुभारम्भ
स्वच्छ, स्वस्थ, सषक्त एवं व्यसनमुक्त गांव का निर्माण करना लक्ष्य
मस्तूरी, नरियरा, बलौदा से होते हुए कोरबा की ओर प्रस्थान करेगा यह अभियान

बिलासपुर टिकरापारा, 9 सितम्बर- स्वच्छ, स्वस्थ, सषक्त, व्यसनमुक्त गांव के निर्माण से स्वर्णिम भारत की स्थापना के लिए प्रदेष में छ.ग. किसान सषक्तिकरण अभियान के बिलासपुर से कोरबा के लिए जाने वाले जनजागृति रैली का शुभारम्भ आज ब्रह्माकुमारीज़ टिकरापारा के हार्मनी हॉल में अतिथियों की उपस्थिति में दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। साथ ही मन्नू चौक के पास सांसद अरूण साव, विधायक की धर्मपत्नी रितु शैलेष पाण्डेय, राष्ट्रीय स्वयंसेवक के विभाग अध्यक्ष काषीनाथ गोरे, सक्रिय कार्यकर्ता शरद बल्हाल, अपोलो के कार्डियोथोरेसिक सर्जन डॉ. अनुज कुमार, जनरल सर्जन सौव्हिक चौधरी सहित अन्य अतिथियों ने हरी झण्डी दिखाकर रैली को रवाना किया। इससे पूर्व प्रदेष स्तर पर इस अभियान का विधिवत उद्घाटन छ.ग. के कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे व अन्य अतिथियों की उपस्थिति में रायपुर के शान्ति सरोवर में हुआ। साथ ही प्रदेष के सभी स्थानों पर इस अभियान के लिए शासन द्वारा किसानों को एकत्रित करने एवं अभियान का लाभ उठाने के लिए आदेष जारी किया गया।
बिलासपुर सांसद अरूण साव जी ने स्वयं को एक किसान का बेटा होने का गर्व महसूस करते हुए कहा कि जब तक किसानों का सषक्तिकरण नहीं होगा, देष का विकास नहीं होगा। भारत की आत्मा किसान है और आज वह आत्मा कितनी कमजोर, असहाय, निराष हो गई है, जीने की इच्छा खत्म हो गई है। ऐसे समय में इस तरह के अभियान का आयोजन बहुत ही सराहनीय प्रयास है। गांव में शासकीय मदद भी मिलती है लेकिन उसे आगे बढ़ाने के लिए अर्थात् उसकी देखरेख, सफाई, रंगरोगन आदि के लिए भी आगे आना होगा। इसके लिए भी लोगों को जागृत करने में इस आयोजन की भूमिका महत्वपूर्ण है। आजादी के बाद आज दिन तक किसानों को सषक्त बनाने का कोई कार्य नहीं हुआ लेकिन आज इस अभियान के आयोजन से भारत पुनः सोने की चिड़िया बन जायेगा। इसकी जितनी प्रषंसा की जाए कम है। परमात्मा से प्रार्थना है कि यह अत्यंत सफल हो। उन्होंने वायदा किया जहां पर भी आवष्यकता होगी वहां पर उपस्थित हो जाउंगा।
बिलासपुर विधायक की धर्मपत्नी रितु शैलेष पाण्डेय ने कहा कि शाष्वत यौगित खेती का तरीका बहुत अच्छा है और उसमें भी बीज को सषक्त करना बहुत अच्छा प्रयास है। रासायनिक अन्न खेत को भी खराब करता है साथ ही शरीर को भी खराब करता है। बचपन में मां के कहे अनुसार हमें जब भी बुरा सपना आता या कोई बात आती तो हम तुलसी माता के आगे सुना देते थे। और हमें हल्कापन अनुभव होता था। छोटी बहन तो बगीचे में पौधों से बात करती थी और उसमें बहुत से फूल खिलने लगते थे। ईष्वर से प्रार्थना है कि यह अभियान सफलता को पाये।
अपोलो हॉस्पीटल के कार्डियोथोरेसिक सर्जन डॉ. अनुज कुमार ने कहा कि कृषि और चिकित्सा का गहरा संबंध है जिसे हम सर्जरी के दौरान बहुत करीब से अनुभव करते हैं। आज के रासायनिक अन्न के प्रयोग से हृदय पर बुरा प्रभाव पड़ता है। ऐसे समय में किसान सषक्तिकरण और उसमें भी शाष्वत यौगिक खेती का कदम बहुत सराहनीय है।
किसानों की हालत सुधारने के लिए उन्हें सामाजिक, मानसिक, आर्थिक व आध्यात्मिक रूप से सषक्त बनाना जरूरी – ब्र.कु. गीता
कोल्हापुर से पधारी ब्रह्माकुमारीज़ के षिक्षा एवं युवा प्रभाग की फेकल्टी मेम्बर एवं अभियान की मुख्य वक्ता ब्रह्माकुमारी गीता बहन ने संस्था परिचय एवं अभियान का उद्देष्य बताते हुए कहा कि ब्रह्माकुमारीज़ केवल आध्यात्मिक ज्ञान नहीं देता अपितु 20 सेवा प्रभागों के माध्यम से शैक्षणिक एवं सामाजिक सेवाएं भी निरंतर दे रहा है और अभी कृषि एवं ग्राम विकास प्रभाग के द्वारा यह अभियान निकाला गया है। यहां जाति-पाति का कोई भेद नहीं, यहां हर वर्ग, जाति व उम्र के लोग ईष्वरीय ज्ञान ले सकते हैं। हम अपने जीवन के स्तर को ऊंचा उठाने का प्रयास करते हैं किन्तु यहां हम अपने विचारों के स्तर को सुधारते हैं। एक्ट लोकल बट थिंक ग्लोबल का स्लोगन देते हुए आपने कहा कि एक स्थान पर कर्म करते हुए भी हमारी अच्छी सोच व शुभभावनाएं पूरे विष्व के प्रति हों। 13 विष्वविद्यालयों में मूल्य षिक्षा एवं आध्यात्मिकता पर संस्था द्वारा तैयार किए गए पीजी कोर्स संचालित हैं। हमारा भारत 70 प्रतिषत अन्नदाताओं से चलता है। हमारे अन्नदाता कृषक वर्ग नेक्स्ट टू गॉड हैं। लेकिन आज की स्थिति में हमारे अन्नदाताओं की हालत बहुत ही नाजुक है। इसी हालत को सुधारने एवं किसानों को सामाजिक, मानसिक, आर्थिक और आध्यात्मिक दृष्टि से सषक्त बनाने के लिए ब्रह्माकुमारीज़ द्वारा पूरे भारत में यह अभियान चलाया जा रहा है। जब किसान सषक्त बनेगा तब पूरा भारतवर्ष पुनः सुजलाम सुफलाम बनेगा। साथ ही व्यसनमुक्ति, यौगिक खेती, बच्चों में मूल्य षिक्षा, ग्रामीण युवा सषक्तिकरण, कुरीतियों से मुक्त बनाना इस अभियान का मुख्य उद्देष्य है। इसके लिए सभी की दुआएं जरूरी हैं तब ही सबका साथ, सबका विष्वास और सबका विकास होगा।
कोल्हापुर से ही पधारी संस्था के षिक्षा, महिला, युवा एवं ग्राम विकास प्रभाग की फेकल्टी ब्रह्माकुमारी सारिका बहन ने शाष्वत यौगिक खेती के बारे में बताते हुए कहा कि भारत कृषि प्रधान देष है और शाष्वत यौगिक खेती कोई अलग खेती नहीं है यह हमारी ऋषि कृषि, पारम्परिक कृषि है। हम आठ दिन बिना मोबाइल व बिजली के तो रह सकते हैं लेकिन बिना अन्न व जल के नहीं रह सकते। आज साइंस के साधनों को तो हम अपना रहे हैं लेकिन हमारा किसानों को देखने का नजरिया नीचा हो गया है। पहले के समय में किसान खेत की पूजा करके हल चलाता था और बैलों के गले की घण्टी बजती थी जो फसलों को आनंदित करती थी। कृषक, किसान, किसन व कृष्ण सभी मिलते-जुलते शब्द हैं। जब देष में अकाल पड़ा तब 1960 में हरित क्रांति आई जिसमें रासायनिक खाद का प्रयोग किया गया। लेकिन वह केवल दवा के रूप में अल्प मात्रा में डाला जाता था लेकिन आज की स्थिति में धरती माता से केवल लेने की भावना से कई बोरियां खाद डाल रहे हैं और धरती माता को नुकसान पहुंचा रहे हैं। जिस प्रकार यदि कोई डॉक्टर हमें कमजोरी से मुक्त करने के लिए एक या दो चम्मच दिन में दो बार पीने के लिए टॉनिक देता है तो हम यह तो नहीं करते कि एक ही दिन में स्वस्थ होने के लिए दवा की पूरी बोतल ही पी जाएं।
अब पुनः धरती की उर्वरता बढ़ाने के लिए शाष्वत यौगिक खेती की शुरूआत की गई है। जिसमें जैविक खेती के साथ योग का प्रयोग किया जाता है जैसे बीज को ऊर्जा देना, प्रतिदिन प्रातः एवं सायं एक-एक घण्टे खेत में जाकर परमात्मा की याद व शुभभावनाओं से पौधों को ऊर्जा देना। इसके लिए किसानों को व्यसनमुक्त रहना भी जरूरी है क्योंकि हम व्यसन करके धरती माता, वायु, जल को प्रदूषित करते हैं, नुकसान पहुंचाते हैं। और प्रकृति को नुकसान पहुंचाकर हम योग का प्रयोग नहीं कर सकते।
किसानों का किया गया सम्मान
सांसद के द्वारा संस्था की ओर से नौ किसानों – जनकराम क्षत्री, अनिल सिसोदिया, जीतराम साहू, सुमेन्द्र सिदार, भरतसाहू, बिहारी साहू, लक्ष्मण भाई, रामायण राठौर एवं परसराम साहू का पगड़ी, माला, अंगवस्त्र पहनाकर व श्रीफल भेंट कर सम्मान किया गया। इसके पश्चात् अभियान यात्रियों का पट्टे पहनाकर एवं बैज लगाकर सम्मान किया गया। रितु शैलेष पाण्डेय ने ब्र.कु. गीता, ब्र.कु. सारिका एवं ब्र.कु. गायत्री को रैली के आरंभ का कलष दिया। इस अवसर पर भाईयों ने छ.ग. का लोकनृत्य राउत नाचा प्रस्तुत किया जिसमें सांसद अरूण साव जी भी शामिल हो गए। एवं कु. गौरी, तनु, भूमिका एवं हेमन्त भाई ने भी छत्तीसगढ़ी नृत्य की प्रस्तुति दी।
पूरे कार्यक्रम का संचालन सेवाकेन्द्र प्रभारी ब्र.कु. मंजू दीदी ने किया एवं जानकारी दी कि यह अभियान मस्तूरी, नरियरा व बलौदा क्षेत्र के गांवों में जनजागृति फैलाते हुए कोरबा की ओर प्रस्थान करेगा।
प्रति,
भ्राता सम्पादक महोदय,
दैनिक………………………..
बिलासपुर (छ.ग.)

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