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मुस्कुराहट बनाए रखने के लिए याद करें अपना बचपन – ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी

सादर प्र्रकाशनार्थ
प्रेस विज्ञप्ति
मुस्कुराहट बनाए रखने के लिए याद करें अपना बचपन – ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी
अहंकार सहित ग्यारह विकारों से मुक्त होता है बचपन का समय
ब्रह्माकुमारीज़, शिव-अनुराग भवन, राज किशोर नगर में सामूहिक योग-साधना में एकत्र हुए साधक
ब्रह्माकुमारी बहनों ने परमात्म स्मृति में स्थित होकर कराई योग अनुभूति
‘देश की आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर’ थीम के अंतर्गत होंगे सभी कार्यक्रम
बिलासपुर राजकिशोर नगर :- प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के राज किशोर नगर स्थित शिव-अनुराग भवन सेवाकेन्द्र में योग-साधना का आयोजन किया गया। जहां मंजू दीदी जी ने ज्ञान के अनुभवों के आधार पर सभी साधकों को बचपन की मासूमियत याद दिलाते हुए योग कॉमेन्ट्री के द्वारा शान्ति, आनन्द व ईश्वरीय प्रेम की अनुभूति कराई। साधकजन एकाग्रचित्त होकर लगभग चार घण्टे इस अनुभूति में रहे। योगअनुभूति के लिए दीदी के साथ ब्र.कु. शशी बहन, समीक्षा बहन, पूर्णिमा बहन, गायत्री बहन व रजनी बहन स्टेज पर विराजित रहीं।
ज्ञान मंथन क्लास में दीदी ने कहा कि बचपन की अवस्था में काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार, ईर्ष्या, घृणा, द्वेष, आलस्य, अलबेलापन व भय जैसे विकारों से मुक्त रहने के कारण मुस्कुराहट बनी रहती है लेकिन जैसे-जैसे हम बड़े होते हैं विकारों के वशीभूत होने लगते हैं और हमारे जीवन से मुस्कुराहट कम होती जाती है। इसलिए जीवन में हर्षितमुखता लाने के लिए हमें अपना बचपन बार-बार स्मृति में लाना चाहिए  क्योंकि बचपन में सतोप्रधानता की स्थिति होती है और आत्मा के मूल सात गुण सुख, शान्ति, आनन्द, प्रेम, पवित्रता, ज्ञान और शक्ति की प्रधानता होती है।
दीदी ने बतलाया कि इस वर्ष के सभी कार्यक्रम ‘देश की आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर’ थीम पर आयोजित होंगे। हर माह ऐसे योग-तपस्या भट्टी के कार्यक्रम भी रखे जायेंगे।