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मुस्कुराहट बनाए रखने के लिए याद करें अपना बचपन – ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी
ज्ञान मंथन क्लास में दीदी ने कहा कि बचपन की अवस्था में काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार, ईर्ष्या, घृणा, द्वेष, आलस्य, अलबेलापन व भय जैसे विकारों से मुक्त रहने के कारण मुस्कुराहट बनी रहती है लेकिन जैसे-जैसे हम बड़े होते हैं विकारों के वशीभूत होने लगते हैं और हमारे जीवन से मुस्कुराहट कम होती जाती है। इसलिए जीवन में हर्षितमुखता लाने के लिए हमें अपना बचपन बार-बार स्मृति में लाना चाहिए क्योंकि बचपन में सतोप्रधानता की स्थिति होती है और आत्मा के मूल सात गुण सुख, शान्ति, आनन्द, प्रेम, पवित्रता, ज्ञान और शक्ति की प्रधानता होती है।
दीदी ने बतलाया कि इस वर्ष के सभी कार्यक्रम ‘देश की आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर’ थीम पर आयोजित होंगे। हर माह ऐसे योग-तपस्या भट्टी के कार्यक्रम भी रखे जायेंगे।








