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Rajrishi

शिक्षक दिवस के शुभ अवसर पर ब्रह्मा कुमारीज टिकरापारा में बिलासपुर व मस्तूरी क्षेत्र के 40 शिक्षकों का हुआ सम्मान l

प्रेस विज्ञप्ति

सादर प्रकाशनार्थ :

ब्रह्माकुमारीज के टिकरापारा में बिलासपुर व मस्तूरी क्षेत्र के 40 शिक्षकों का हुआ सम्मानl

 

5 सितंबर शिक्षक दिवस के शुभ अवसर पर ब्रह्मा कुमारीज टिकरापारा में बिलासपुर व मस्तूरी क्षेत्र के 40 शिक्षकों का हुआ सम्मान l

भविष्य के कर्णधार बच्चों के श्रेष्ठ निर्माण में शिक्षकों की भूमिका अति सराहनीय है –

ब्रह्माकुमारी मंजू दीदीl

 

शिक्षक दिवस मनाना अर्थात शिक्षक अपनी कर्तव्य पथ की गरिमा को सदा बनाए रखें – स्मृति भूरंगीl

बिलासपुरl टिकरापारा स्थित प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय प्रभु दर्शन भवन के आध्यात्मक प्रांगण में 5 सितंबर डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के जन्म दिवस को शिक्षक दिवस के रूप में मनाते हुए बिलासपुर व मस्तूरी क्षेत्र के लगभग 40 शिक्षकों का सम्मान किया गया l ब्रम्हाकुमारीज़ एवं शिक्षा प्रभाग के द्वारा आयोजित इस समारोह में उपस्थित शिक्षकों को संबोधित करते हुए प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय टिकरापारा सेवाकेंद्र संचालिका मंजू दीदी जी ने कहा कि भविष्य के कर्णधार बच्चों के देश के निर्माण में शिक्षकों की भूमिका अति सराहनीय है विद्यालय को पहले मंदिर कहा जाता था ऐसा मंदिर जहां चैतन्य मूर्तियां तैयार होते है यह मूर्तियां जब पूरे विश्व में पहुंचते है तो यह जान पाते हैं कि उन्होंने यह अच्छी शिक्षा कैसे प्राप्त की, निश्चित शिक्षकों से ही प्राप्त की है lशिक्षकों का हम सबके जीवन में बहुत महत्वपूर्ण योगदान है l दीदी जी ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि कई बार शिक्षक नैतिक शिक्षा को मुख्य विषय नहीं समझते लेकिन मुझे लगता है कि नैतिक शिक्षा मुख्य विषय है जिससे अच्छे इंसान का निर्माण कर पाते हैं

उन्होंने आगे कहा कि इंजीनियर की जो गलती होती है वह सीमेंट की तो परतों में छिप जाती है चिकित्सक की गलती श्मशान घाट पर छिप जाती है एक वकील की गलती कागजों में छिप जाती है परंतु एक शिक्षक की गलती पूरे समाज व पूरे विश्व में अनेक रूप में प्रतिबिंबित होती रहती है एक शिक्षक के द्वारा की गई एक गलती भी प्रतिबिंबित होती है तो एकअच्छाई भी प्रतिबिंबित होती है l हर एक शिक्षक चंदन तो नहीं लेकिन नीम के पेड़ जैसे जरूर होते हैं वह सुगंधित तो नहीं लेकिन काम बहुत आते हैं तो शिक्षक का योगदान वास्तव में पूरे विश्व के लिए ऐसा ही है जो नीम के पेड़ की तरह बच्चों के काम आते हैं जो आगे चलकर देश का नव निर्माण कर सकें l

शासकीय जी पी वर्मा पीजी कॉलेज जरहाभाटा बिलासपुर से डॉ. रंजू गुप्ता ने ब्रम्हाकुमारीज़ की सराहना करते हुए कहा कि यहां आकर संतुष्टि,खुशी और शांति मिलती है आज हम सबके जीवन में पैसा है लेकिन जो अंदर से हमें चाहिए वह इस संस्थान में प्राप्त होता है l

सरस्वती शिशु मंदिर बिलासपुर तिलक नगर से स्मृति भूरंगी ने कहा कि शिक्षक दिवस मनाना अर्थात शिक्षक अपने कर्तव्य पथ की गरिमा को सदा बनाए रखेंl

श्रीमती दुर्गा सोनी ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज संस्थान वर्तमान समय में हम सब के लिए एक प्रेरणा स्रोत का काम कर रहा है l शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल टिकारी से शुभ्रारानी चतुर्वेदी ने कहा कि यह संस्थान हर वर्ष ग्रीष्मकालीन सत्र का आयोजन बच्चों के व्यक्तित्व विकास हेतु 15 दिनों के लिए करता है इसका लाभ बच्चों को होता है आज बच्चों की बढ़ती जिज्ञासा और भटकाव का समाधान इस आध्यात्मिक स्थल पर ही प्राप्त होता है l उपस्थित शिक्षकों में दिनेश कुमार कुंभकार,श्रीमती लक्ष्मीन कुंभकार, वैजयंती भुरंगी, श्रीमती सरिता करांगले, उषा साहू, श्रीकांत चतुर्वेदी, दीक्षा केसरवानी, नीलिमा केसरवानी, सविता लुखे, नीतू सिंह, सुधा दवे, धन पूर्णा हजरा, सुषमा पांडे, आभा पांडे, अंकिता पांडे, शकुंतला राठौर, नवीन कुमार चौधरी, आशीष मिश्रा, सी आर भगत, बीआर भगत, डीके दीक्षित, प्रमिला थवाइत, सरिता बल्हाल आदि रहेl सभी शिक्षकों का तिलक व बैच पहनाकर स्वागत किया गया व सौगात व श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया गया l कुमारी अविका और कुमारी पूर्वी ने नृत्य के द्वारा स्वागत कियाl ब्रह्माकुमारी नीता ने शिक्षकों के आदर्श को नृत्य के द्वारा प्रस्तुत किया l ब्रम्हाकुमारी शशिप्रभा ने कार्यक्रम का संचालन किया और ध्यान का अभ्यास कराया l ब्रम्हाकुमारी पूर्णिमा बहन ने सभी को ईश्वरीय प्रसाद खिलाकर मुख मीठा कराया l

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