Rajrishi
जीवन का सबसे बड़ा शिक्षक हमारे निजी अनुभव*

*सादर प्रकाशनार्थ
प्रेस विज्ञप्ति*
*शिक्षण एक महान प्रोफेशन -: ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी जी*
*जीवन का सबसे बड़ा शिक्षक हमारे निजी अनुभव*
*शिक्षक हमारे समाज की रीढ़ की हड्डी -: ब्रम्हााकुमारी गायत्री दीदी जी*
*ब्रह्माकुमारीज-: राजकिशोर नगर में स्थित शिव अनुराग* भवन के आयोजन में, कार्यक्रम स्थल सरस्वती शिशु मंदिर उत्तर मध्यमिक विद्यालय राजकिशोर नगर में ब्रह्माकुमारी सेवा केंद्र के द्वारा आज शिक्षक दिवस के अवसर पर मुख्य रूप से 23 शिक्षकों का सम्मान किया गया।
इस अवसर पर ब्रह्माकुमारीज टिकरापारा की मुख्य संचालिका ब्रह्मा कुमारी मंजू दीदी जी ने ऑडियो के माध्यम से संदेश में सभी शिक्षक गणों को संबोधित करते हुए शिक्षक दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं दी, और कहा कि शिक्षा एक ऐसा प्रोफेशन है जिसके माध्यम से आप शिक्षक जिस भी विषय को लेते होंगे उस विषय के साथ साथ नैतिकता के विषय को भी लेने का प्रयास करिए।
मोरल साइंस एक मेन सब्जेक्ट है, आई -क्यू,ई -क्यू, एम – क्यू,एस-क्यू के आधार से सभी को समझाया। इ क्यू – भावनाएं भरने की कोशिश कीजिए और साथ ही साथ एमक्यू यानी नैतिकता मोरल पोषण, एसक्यू यानी स्प्रिचुअल पोषण की आध्यात्मिकता से भरने की कोशिश कीजिए।
नैतिकता का कोई मूल्य नहीं है हम कभी सुनते हैं शिक्षकों को जो धन की शक्ति मिलनी चाहिए वह नहीं मिलती है लेकिन सबसे बड़ा धन जो है वह नैतिकता का धन है और अगर आपने इस बात को अपने जीवन में स्थान दिया तो उस धन की कभी भी आपके जीवन में कमी नहीं होगी।
इसी कड़ी में ब्रम्हाकुमारी गायत्री दीदी जी ने आगे कहा कि शि :- शिखर तक ले जाने वाला, क्ष:- क्षमा की भावना रखने वाला, क:- कमजोरी दूर करने वाला अर्थात जो विद्यार्थी की हर गलती को क्षमा करने की भावना रखता है और उसकी हर कमजोरी दूर करने कर उसको शिखर (सफ़लता) तक ले जाता है वही सच्चा शिक्षक कहलाता है, शिक्षकों के लिए यह भी कहा गया है कि, अगर द्रोणाचार्य जी नहीं होते तो अर्जुन नहीं होता, अगर रामकृष्ण जी नहीं होते तो विवेकानंद नहीं होता, अगर आचरेकर नहीं होते तो तेंदुलकर नहीं होता, यह भी मान्यता है कि यदि सही तरीके शिक्षा दी जाए तो समाज की अनेक बुराइयों को मिटाया जा सकता है, शिक्षक हमारे समाज की रीढ़ की हड्डी है जो हमें इस काबिल बनाते हैं कि हम स्वयं की एक पहचान बना सके श्रेष्ठ आचरण व गुरुजनों के द्वारा दी गई शिक्षा से श्रेष्ठ सुखमय और समृद्ध राष्ट्र का निर्माण कर सकें।
शिक्षक दिवस के अवसर पर सभी शिक्षकों का विद्यालय प्रांगण में ही तिलक, श्रीफल,प्रसाद व ईश्वरीय सौगात के द्वारा सम्मान किया गया। प्राचार्य लक्ष्मीकांत मजूमदार जी, प्रधानाचार्य रश्मि दुबे जी, भूपेंद्र गौराहा, रमाकांत मिश्रा, मनोज राय चौधरी,नेम प्रकाश, रमेश पटेल, महेंद्र श्रीवास,आनंदी दुबे,माधुरी नामदेव,मनीषा सिंह सहित विद्यालय के सभी शिक्षक जन उपस्थित हुए। इस अवसर डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के जीवन परिचय का संक्षिप्त में व महत्वपूर्ण बातें कुछ बच्चों अपने भाषण के माध्यम से बताया। इस पूरे कार्यक्रम का बहुत ही कुशलता पूर्वक संचालन प्राचार्य लक्ष्मीकांत मजूमदार जी ने किया, व प्रधानाचार्य रश्मि दुबे जी ने आभार व्यक्त किया ।